राजस्थान: प्लास्टिक बोतल-पॉलीथीन से बन रहीं इको ब्रिक्स, पर्यावरण बचाने के लिए RSS की पहल
शहरों और गांवों को प्लास्टिक (Plastic) के जहर से बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक खास पहल की है. आरएसएस के स्वयंसेवक प्लास्टिक की खाली बोतलों और सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) से इको ब्रिक्स बना रहे है. आरएसएस (RSS) के पर्यावरण विभाग ने राजस्थान (Rajasthan) में सिर्फ तीन महीने के भीतर 30 हजार इको ब्रिक्स (Eco Bricks) का निर्माण किया है.
इन ईटों को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इको फ्रेडली ईंटों का इस्तेमाल सड़क (Road) बनाने में किया जा सके. जयपुर (Jaipur) के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र के अलावा राज्य के कई दूसरे प्लांट-फैक्ट्रियों में भी इको फ्रेंडली ईटों की सप्लाई (Supply) शुरू की गई है. संघ के कार्यकर्ता दूसरे लोगों को भी ईंटें बनाने की ट्रेनिंग (Training) दे रहे हैं.
इको ब्रिक्स बनाने के लिये पानी की खाली बोतल या फिर कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल ली जाती है, उसके बाद घर में उपयोग हने वाली सिंगल यूज प्लास्टिक थैलियों को बोलत में अच्छी तरह से भरा जाता है. 1 लीटर की बोतल में 350 से 400 ग्राम पॉलीथीन भरी जाती है. इसके बाद इसे कुछ दिन रखा जाता है, जिससे पूरी तरह सूख जाए. इसे ही इको ब्रिक्स कहा जाता है.
इको ब्रिक्स का इस्तेमाल दीवार से लेकर धागा बनाने तक में किया जाता है. दीवार को मजबूती देने के लिए इनका इस्तेमाल सामान्य ईंटों के बीच में किया जा सकता है. इसी तरह छत भरते समय में भी इको ब्रिक्स के टुकड़े डाले जाते हैं. इको ब्रिक्स से पक्षियों के लिए दाना पात्र भी बनाए जा रहे हैं. वहीं टीशर्ट में भी पॉलीथीन से बना धागा इस्तेमाल किया जा रहा है.
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